फिर सभी के साथ आनंदी ने बहुत ही अच्छे से समय बिताया लंदन में।और फिर एक हफ्ते बाद आनंदी लोग अपने बंगले में लौट गए।कृष्णा ने कहा आनंदी किसी रोज़ सबको खाने पर बुलायेंगे।आनंदी ने कहा हां मां जरूर। मुझे एक दिन कालेज भी जाना है।सबसे मिलने के लिए पर इस बार मैं आराम करूंगी।अन्वेशा ने कहा हां मां।आनंदी ने कहा इस बार मैंने सोचा कि कहानी लिखुं।और फिर जब भी समय मिलता आनंदी कहानी लिखने लगती थी।उसे कहानी लिखने में विशेष रूचि हो गई थी। एक दिन कृष्णा ने कहा अच्छा ठीक है आनंदी अपने सेहत का ख्याल तो