कहाँ जा रही है? अब तो घूमना बंद कर दे ,परसों तेरी शादी है,स्नेहा की माँ शिवकान्ती बोली।। जाने दो ना माँ! फिर कल से मेरा घर से निकलना बंद हो जाएगा,आज आखिरी बार जाने दो..,स्नेहा बोली।। तुझे डर नहीं लगता,उस बरगद के पेड़ के पास,शिवकान्ती ने पूछा।। ना! माँ! आज तक नहीं लगा,तुम और बाकी़ सब लोगों को पता नहीं उस पेड़ पर कौन सा भूत और कौन सी चुड़ैल दिखी,मैं चुपके चुपके वहाँ कई बार रात को भी गई लेकिन मुझे तो कोई ना दिखा,स्नेहा बोली।। अच्छा! जा बहस मत कर,शिवकान्ती बोली।। ठीक है माँ!