तेरी कुर्बत में - (भाग-8)

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अपने अतीत में ,अपने और अपने परिवार के साथ घटित घटनाएं बताकर संचिता सिसकने लगी । सब कुछ जानने के बाद , ऋषि और चुप पड़ गया । समझ ही नही आ रहा था उसे , कि एक परिवार एक क्षण में कैसे उजड़ गया । सच ही कहा जाता है , वर्तमान में जो तुम्हारे पास है , उसे वर्तमान में ही जी लो । क्योंकि भविष्य में कब क्या हो जाए , खुद इंसान को भी पता नहीं रहता । अब उसे खुद के सपने को लेकर भी डर लग रहा था , चिंताएं बढ़ रही थी उसकी