तेरी कुर्बत में - (भाग-7)

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ऋषि की उत्सुकता को भांप संचिता ने खुद के आसूं साफ किए और कहना शुरू किया । संचिता - महज़ चार साल की थी मैं , जब बच्चे ढंग से कुछ समझते भी नही हैं, कई बच्चे तो बोलना तक नहीं सीख पाते , उस उम्र में मैने अपने पिता को खोया है । ऋषि को इतनी छोटी उम्र में संचिता के अपने पापा को खोने की बात सुनकर बहुत बुरा लगा । संचिता ने आगे कहना शुरू किया । संचिता - आर्मी में थे पापा । मेजर की न्यू पोस्ट मिली थी उन्हें । एक खतरनाक मिशन पर भेजा