सवारी

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मानव-स्मृति, में घटनाएं कोई पदानुक्रम नहीं रखतीं । न समय का कोई सोपान-उतरान। वहाँ क्लिक नहीं, ट्रिगर काम करता है । तभी 27 नवम्बर, 2019 की तिथि में डॉ. प्रियंका रेड्डी के संग हुआ जघन्य अपराध मेरे सामने 21 जुलाई, 1967 की तिथि ले आया है । बुआ के क्षत-विक्षत चेहरे के साथ । सांझा कारक दोनों का स्कूटर रहा था । ’’मंगला की सवारी’’ सन् 1967 की फरवरी की किसी एक तिथि में हमारे दालान में उतारे एक कि नए स्कूटर को ढक रहे पेपर बोर्ड को हटाते हुए घोषणा की थी, ’’मंगला का वेस्पा । मंगला का वौस्प...’’