तेरी कुर्बत में - (भाग-6)

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संचिता ने होठों पर मुस्कुराहट रख कर , अपने आसूं ऋषि से छुप कर साफ कर लिए । लेकिन ये आसूं नासमझ थे , जो कि बहे ही जा रहे थे । ऋषि ने उसे दोबारा खाने के लिए कहा , पर संचिता को देख चुप हो गया । संचिता भले ही ऋषि से अपनी आखें छुपा रही थी , लेकिन ऋषि ने उसे देख लिया । ऋषि को काफी अजीब लगा , कि संचिता आखिर रो क्यों रही है..? जब उससे रहा नही गया , तो वह पूंछ बैठा ।ऋषि - क्या हुआ संचिता..!!?? तुम रो क्यों रही हो...???संचिता