आदि गुरु शंकराचार्यजी के अनुसार शुद्ध मन ही सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ है। इसके अलावा कुछ और कहने-सुनने की आवश्यकता नहीं होती है। शुद्ध मन से सफलता मिलते रहती है। इस कड़ी में देश की सांस्कृतिक धरोहर को वापस लाने में एक और सफलता मिली है। माँ अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति वाराणसी में उनके उपयुक्त स्थान पर वापस लाई जा रही है। यह मजबूत इच्छाशक्ति से ही संभव हो सका है। एक वक्त चोरों ने मूर्ति चुरा कर अपनी कुशलता का परिचय दिया था। कार्यकुशल तो चोर भी होते हैं। लेकिन वे अपनी कुशलता का परिचय कुछ अलग