प्यार के इन्द्रधुनष - 34

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- 34 - चढ़ते सूरज को सलाम। मनमोहन ऑफिस में अपनी सीट पर बैठा एक फ़ाइल पर नोटिंग लिखने में व्यस्त था कि विशाल जो कम्प्यूटर डेटा ऑपरेटर है, ने आकर कहा - ‘मनमोहन, तुमने आई.ए.एस. का एग्ज़ाम दिया था। अभी मैं नेट पर सर्च कर रहा था तो पता लगा कि ‘रिटन’ में पास होने वालों के रोल नम्बर यू.पी.एस.सी. ने अपलोड किए हैं। तुम्हारा रोल नम्बर क्या है?’ मनमोहन यह सुनकर नर्वस हो ग्यारह, पता नहीं कैसा रिज़ल्ट होगा! रोल नम्बर बताने की बजाय वह विशाल के साथ कम्प्यूटर रूम में आया। स्क्रीन पर यू.पी.एस.सी. की साइट खुली