प्यार के इन्द्रधुनष - 33

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- 33 - क्रिसमस की पूर्व-रात्रि को अनिता ने बड़े संकोच से विमल से पूछा - ‘कल क्रिसमस है। आप चर्च चलेंगे?’ ‘मुझे चर्च जाने में कोई एतराज़ नहीं अनिता। तुम्हारा मन है तो ज़रूर चले चलेंगे, लेकिन चलेंगे दुकान से आने के बाद।’ ‘हाँ, ठीक है। रात को अच्छी रौनक़ भी होती है। … मैं सोचती हूँ कि डॉ. दीदी और मनमोहन भाई साहब को भी पूछ लें। यदि वे साथ होंगे तो बहुत अच्छा लगेगा।’ ‘फिर एक काम करते हैं, कल तुम इन लोगों को डिनर के लिए इन्वाइट कर लो। कहीं बाहर इकट्ठे डिनर करने के बाद