नौकरानी की बेटी - 40

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दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई ।और फिर सैर को निकल गई।। वापस आ कर तैयार हो गई आनंदी और उसने मोबाइल पर तारिख देख कर कहा अरे मुंबई में आए हुए आज छः महीने बीत गए।आनंदी ने कहा देखो मां आज मेरा समर्पण एनजीओ कहा से कहा पहुंच गया।छः महीने में बहुत कुछ बदल सा गया।समर्पण एनजीओ में मैंने बच्चों को हर तरह की सुविधाएं देने की कोशिश किया एक घर जैसा माहौल मिलें।कृष्णा ने कहा हां आनंदी मैं जानती हूं बेटा।आनंदी ने कहा बस अन्वेशा की हाई स्कूल का परीक्षा परिणाम घोषित हो जाएं तो मुझे