अनजान रीश्ता - 67

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पारुल की मॉम उसे आवाज दे रही थी पर वह बिना कुछ जवाब दिए अपने कमरे में चली जाती है । अपना रूम में बेड पर गिरते हुए वह रोने लगती है । मानो जैसे अब ये घटिया मजाक और सहन नहीं कर सकती थी । उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे!? कैसे इस मुसीबत से बाहर निकले!! । तभी पारुल को दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है वह किसी से बात तो नहीं करना चाहती थी पर वह उन लोगों को परेशान भी नहीं करना चाहती थी । इसलिए वह आंसू पोंछते हुए जल्दी से दरवाजा खोलते