तमिल कहानी लेखिका चूड़ामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ये मेरी कहानी है। मैं कौन हूं पूछ रहे हो? मैं ही भगवान हूं। ये कौन पागल है सोच रहे हो क्या? पागल नहीं होता हो इस तरह की एक दुनिया को बनाता? ऐसे भी सोच सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आप लोग सोचते हो कि मैंने दुनिया बनाई है। मेरे कई नाम हैं। ईश्वर, जीहोवा, बुद्ध, अरूकन, परमपिता, अल्लाह, अहुर्मजदा... ठीक है ठीक है बस करता हूं। मनुष्यों को किसी की तारीख यानि प्रशंसा सुनने की इच्छा व सहन शक्ति नहीं होती ये मालूम है। इसके अलावा और बहुत से नाम भी