कहानी नानी-दादी से सुनी थी। बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। उसके पास घोडा था। घोड़ा सुंदर था। लेकिन घोड़ा लालची था। राजा घोड़े की देखभाल अच्छे से करता था। उसकी सेवा के लिए कई साईस थे। राजा ने साईस को कह रखा था कि घोड़े को कोई तकलीफ न हो। लेकिन घोड़ा हमेशा खाने की सोचता रहता था। उसका पेट कभी नहीं भरता था। राजा भी उसकी इस आदत से परेशान था। उसने बहुत कोशिश की। लेकिन घोड़े का पेट कभी भरता ही नहीं था। लाचार- परेशान राजा ने अपने राज्य में एक योज़ना की शुरुआत घोड़े