स्त्री.......(भाग-14)मेरी सास की सहमति के बाद मेरे पति ने विरोध करना ठीक नहीं समझा.... सुनील भैया हमेशा से ही मेरे साथ खड़े रहे हैं, उस दिन भी उन्होंने अपने भाई साहब को मना ही लिया क्योंकि वो माँ के सामने चुप तो रहे, पर उनकी आँखो में गुस्सा सबको साफ दिखायी दे रहा था। अगले ही दिन माँ के साथ जा कर एक साड़ी और एक डबल बेड की चादर खरीद ली....उनको सब पता था कि कौनसी चीज कहाँ मिलती है, कपड़े की जानकारी भी थी तो कपड़े से लेकर छपाई और धागे सब ले कर आ गए। आने वाला टाइम