स्त्री.......(भाग-13)अगले दिन सब काम निपटा कर डांस एकेडमी में खड़ी थी....कुछ और लड़के लड़कियाँ भी थे, जिनको सिखाया जा रहा था.....मुझे कुछ देर इंतजार करने को कह लड़की ने सामने कुर्सी पर बैठने का इशारा कर दिया......चुस्त टॉप और स्कर्ट पहने वो मुझे साड़ी में देख ऊपर से नीचे आँखों ही आँखों में तोल रही थी, जिसकी रत्तीभर मुझे चिंता नहीं थी..। क्योंकि मेरी नजरे उन लड़कों को भी देख रही थी, जो उस लड़की को आँखो ही आँखो में सिर्फ तौल ही नहीं रहे थे बल्कि और कुछ दिख जाए या फिर उसकी कल्पना में डूबे से दिखाई दिए....