दो से तीन बार सोचने व दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद आखिरकार शिवानी को प्रिया का बताया हुआ पासवर्ड याद आ ही गया। फोन में वाकई वो ही सबकुछ था जिसका जिक्र प्रिया की बातों में था मतलब कि जैसे - जैसे शिवानी समर के इस हमेशा अंडरग्राउंड रहने वाले फोन की गैलरी,कॉन्टैक्ट्स और कॉल लॉग देखती जा रही थी वैसे - वैसे प्रिया के द्वारा शिवानी को बोली गई सभी बातों पर एक के बाद एक मोहर लगती जा रही थी। अब शिवानी ने उन नंबर्स में से एक - दो नंबर डायल करके भी अपनी तसल्ली