टेढी पगडंडियाँ - 25

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टेढी पगडंडियाँ 25 किरण को सामने बैठा कर रोटी खिलाने से गुरनैब को लगा कि उसके चाचे की रूह को शांति मिली होगी । मरते मरते भी उसे किरण की चिंता जरूर हुई होगी । आखिर ये उसके इश्क का मामला था । मिर्जे को साहिबां ने ही अपने भाइयों से मरवा दिया था पर यह बात अभी पक्की न थी । साहिबाँ यहाँ कोठी में फकीरनी हो गयी थी और उधर एक और साहिबां हवेली में आराम से रह रही थी ।उस दिन के बाद से गुरनैब हर रोज कोठी आने लगा था । जब भी