ताश का आशियाना - भाग 12

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(लंबा अध्याय)सिद्धार्थ रागिनी को इतनी रात कहा लेकर जाए समझ नहीं पा रहा था। रागिनी तुम्हारे घर का पता बताओ, मै तुम्हे छोड़ देता हु। हम में राही प्यारे के हमसे कुछ ना बोलिए, जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए। रागिनी पूरी तरह नशे में धुत है, इसका अंदाजा सिद्धार्थ ने लगा लिया था। कहा लेकर जाता वो रागिनी को? यहाँ भी तो नहीं छोड़ सकता था। एक लड़की को इस हालत में घर मे पेश करे ऐसे तो भारतीय संस्कारो को उलंघन हो जाता।आखिरकर निष्कर्ष निकला वो उसे पास के किसी लॉज़ पर लेकर जाएगा।वह पहुचे स्वप्नसुंदरी लॉज पर।पहुचते