इत्तेफाक - भाग 4

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विकास- बोला यार मुझे नही लगता की तेरी दाल यहा गलेगी वो तो एसे देखती है जेसे खाही जाऐगी तुजे। राज- कोई दिक्कत नही कोशिश करने मे क्या हर्ज है। विकास - ओहो भाई को प्यार हो गया है । राज हसकर फिर से शायरी गुनगुना ने लगता है, ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं ना पास रहने से जुड़ जाते हैं यह तो एहसास के पक्के धागे हैं जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं। यार तु पागल मत हो जाना विकास बोलता है, राज बोलता है, यार मे तो उसकी