मेरे सारे पाठको को मेरा नमस्कार। लेखक के तौर पर ये मेरी पहेली कहानी है। तो इस मे व्याकरण की भूले हो सकती है । यह कहानी राज ओर खुशी की है जो मिलते है बिछड़े हे, ओर फिर इत्तेफाक से एक होते है । खुशी का घर : खुशी के पापा डीजीपी थे , एकदम कडक और नियमो का चुस्त बंध पालन करने वाले। खुशी की बडी बहन ने भाग कर शादी की थी। तब से वो ज्यादा कठोर बन गये ते। अब उनके जीवन मे अपनी बडी बेटी की कोई जगह नही थी । वो खुशी को प्यार तो बहुत करते थे पर