सुहाग, सिन्दूर और प्रेम - (अन्तिम भाग)

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वसुधा एक शाम सरगम के घर पहुँची,वसुधा को देखकर सरगम बोली..... दीदी! लगता है आप तक भी खब़र पहुँच गई.... हाँ! मुझे पता चल गया,काँलोनी की औरतों ने मुझे सब बता दिया है,वसुधा बोली।। तो बताओ वसुधा! अब क्या रास्ता निकाले इस समस्या का?दयमंती ने पूछा।। मेरे ख्याल से तो बुआ जी! दोनों को साथ साथ एक ही घर में रहना चाहिए,अगर दोनों साथ में नहीं रहेंगें तो काँलोनी वाले कुछ ना कुछ कहते रहेगें और बेचारी सरगम मानसिक तनाव झेलती रहेगी,आँफिस में भी तो लोंग कई तरह की बातें करते ही होगें,क्यों सरगम करते हैं ना फालतू की