टीटू ने सिसकते हुए कहा “ लेकिन पापा .... मैं तब तक खड़ा रहूंगा जब तक मैं देख नहीं लेता” । इस पर गौरव ने हंसते हुए कहा “ ठीक है बेटा..” । यह कहकर सारे लोग घर से गणपति विसर्जन के लिए चल दिए लेकिन जब टीटू समंदर किनारे आया तो वह घबरा गया क्योंकि जो उसने सपना देखा था वह उसकी आंखों के आगे सच होता हुआ दिख रहा था । वह फिर जोर जोर से रोने लगा । गौरव और रेनू को अपने इस बेटे की करतूत पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उन्हें लग रहा था कि