कहानी संग्रह - 13 - हम मिले ना मिले

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काफी साल पहले की बात है. एक बार मेरी अपने घर वालों से किसी बात पर तनातनी हो गई. तो मैं घर से भागकर देहरादून आ गया. वहां मैं एक होटल में कार्य करने लग गया. होटल की मालकिन एक सुंदर सी लड़की थी. मैंने अपनी मेहनत और व्यवहार से उसका दिल जीत लिया. उसने कुछ ही दिनों में मुझे अपने होटल का मैनेजर बना दिया, क्योंकि मैं अब होटल का लगभग सभी काम समझ चुका था. होटल की मालकिन वह लड़की मुझे बहुत पसंद करती थी. धीरे-धीरे उसे मुझसे बहुत प्यार हो गया. मैंने उससे शादी कर ली.