प्यार के इन्द्रधुनष - 12

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- 12 - बारह बजे जब मनमोहन तैयार होने लगा तो रेनु ने टोका - ‘इतनी जल्दी जा रहे हो? डॉ. दीदी ने तो लंच के लिये बुलाया है। वे फ़्री हो गई होंगी क्या?’ ‘अरे भई, आज वृंदा का ऑफ डे है, तभी बुलाया है। लंच तो बहाना है, ज़रूर कोई विशेष बात करनी होगी! .... फिर भी मैं फ़ोन करके उसे सूचित कर देता हूँ कि मैं आ रहा हूँ।’ जब मनमोहन डॉ. वर्मा के क्वार्टर पर पहुँचा तो डॉ. वर्मा का पहला प्रश्न था - ‘मनु, तुम घर से तो आधा घंटा पहले निकल लिए थे। रास्ते