प्यार के इन्द्रधुनष - 6

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- 6 - एम.बी.बी.एस. की फ़ाइनल परीक्षा देकर जब वृंदा घर आई तो उसकी माँ और पापा ने उसके विवाह की बात चलाई। पहले तो वृंदा ने कहा कि अभी उसे पी.जी. करना है तो उसके पापा चौधरी हरलाल ने कहा - ‘वृंदा बेटा, पी.जी. तो तू विवाह के बाद भी कर सकती है।’ ‘पापा, एक बार पी.जी. में एडमिशन मिल जाए, उसके बाद विवाह की सोचूँगी।’ हरलाल भी समझता था कि पी.जी. के एडमिशन से पहले विवाह के बारे में सोचना ठीक नहीं, अत: उसने विवाह का प्रसंग पुनः नहीं उठाया। एक दिन जब हरलाल कहीं गया हुआ था