इश्क फरामोश - 12

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12. एक घर हो हमारा सोनिया का हाथ पकडे हुए नीचे उतर कर जब रौनक लिविंग रूम में पहुंचा तब तक भापाजी और गायत्री खाना खा चुके थे और डाइनिंग टेबल से उठ ही रहे थे. भापाजी सीधे जा कर सोफे पर बैठ गए, गायत्री हमेशा की तरह अपने बाथरूम में गयीं. उनकी जब से रूट कैनाल ट्रीटमेंट हुयी है वे हर खाने के बाद अपने दांत साफ़ करती हैं. फ्लॉस तो ज़रूर ही करती हैं. बहुत तकलीफ उठाई है गायत्री ने इस दांत में दर्द के मारे. अब बहुत एहतियात बरतती हैं. कभी-कभी कह भी उठती हैं, "बेटा डेंटिस्ट