बोलती गुड़िया - 3 - अंतिम भाग

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भाग (3) शीतल अपने घर चली गई कभी-कभी लैंडलाइन नंबर पर उससे बात हो जाती । वह अपनी ससुराल में बड़ी बहू होने के कारण सभी की लाड़ली थी। वह अपनी गृहस्थी में बहुत ख़ुश थी । उसके पति इंजीनियर थे, बहुत ही अच्छे वेतन पर वह नौकरी करते । सभी सुख सुविधाओं को उन्होंने जुटा लिया था । जब भी वहकहीं जाती उसके लिए कार तैयार थी। एक बार जब मिलना हुआ तो उसने बताया कि मैंने सभी टेस्ट करा लिए हैं, कोई कमी नहीं । मैं चाहती हूँ कि कोई बच्चा हो जाये । मैंने उसे समझाने के