पुत्र शोक

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उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा केलिफोर्निया की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, चुभने वाली ठण्ड़ व यहां के लोग सभी बातें शामा शास्त्री को चकित कर रहीं थीं। इण्डियां के तिरूची के एक कोने में रहने वाले को आज समय ने केलीफोर्नियां जैसी जगह लाकर खड़ा कर दिया। उनके ठहरने के लिये जो वेस्टवुड अपार्टमेन्ट दिया था, उसके बाइर निकल कर उन्होंने देखा। छोटे से तालाब में सुन्दर बतखें आवाजें निकालती हुई तैर रही थीं। शामा शास्त्री वहां पड़े बेंच पर बैठ गये। उनके साथ आये और पांच शास्त्री (पड़ित) लोग खाना खाते ही सो