बेपनाह - 27

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27 वही कमरे के बाहर बर्फ की खूब मोटी परत जम गयी थी, उसे कलछी से खुरच कर उसने भगौने में डाला और गैस जलाकर उस भगौने को रख दिया । “यह क्या कर रहे हो गैस पर बर्फ का ?” शुभी ऋषभ की हरकत देख कर ज़ोर से हंस दी। “शुभी तुम हँसती हुई कितनी प्यारी लगती हो ! बस हमेशा यूं ही खुश और मस्त रहा करो।” “हाँ सही कहा क्योंकि हँसना भगवान का प्रसाद मिलना होता है ! तुम भी हमेशा खुश रहना, कभी उदास मत होना ।” “जी देवी माँ, जो आपकी आज्ञा !” गैस की