19 “कितनी सुंदर हैं जी चाह रहा है कि सभी उठा कर ले जाऊँ।” शुभी ने कहा। “तो सब ले लो !” कहकर ऋषभ ने उसे सारी जैकेट उठाकर दे दी। “मुझे इतनी सारी नहीं चाहिए ! एक ही बहुत ही बहुत है ! मेरा मतलब है कि मेरे लिए सिर्फ एक, बाकी आपकी माँ और दीदी के लिए भी तो लेनी चाहिए।“ “हाँ हाँ उन लोगों के लिए भी लेनी है लेकिन तुम्हें एक नहीं लेनी, लो पकड़ो यह हैं तुम्हारे लिए।“ कहते हुए ऋषभ ने उसे दो जैकेट पकड़ा दी । वो कहते हैं न कि अपने आप