समर और शिवानी के घर से चले जाने के बाद संगीता जी पूरे दिन कभी तो अपने बिस्तर पर करवटें बदलती रहीं तो कभी कमरे में इधर - उधर टहलती रहीं और फिर आखिरकार उन्होंने अपनी बेचैनी के चलते अपने पति यानि कि शिवानी के पिता जी को दिल्ली में फोन मिला लिया मगर वो चाहते हुए भी उनसे अपनी बेचैनी और उलझन साझा नहीं कर पायीं। हालांकि शिवानी के पिताजी को संगीता जी की आवाज से कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा ज़रूर हुआ पर उनके दो बार पूछने पर भी संगीता जी ने उन्हें बस थकान का बहाना करके