ईश्‍वर लीला विज्ञान - 4 - अनन्‍तराम गुप्‍त

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ईश्‍वर लीला विज्ञान 4 अनन्‍तराम गुप्‍त कवि ईश्‍वर की अनूठी कारीगरी पर मुग्‍ध हैं, और आकाश, अग्नि, पवन, जल एवं पृथ्‍वी के पांच पुराने तत्‍वों का वर्णन आज के वैज्ञानिक सिद्धान्‍तों के साथ गुम्फित करते हुये प्रस्‍तुत करता है। साथ ही उसने पदार्थों के गुणों तथा वनस्पिति और प्राणी विज्ञान का प्रारंभिक परिचय अंग्रेजी नामों के साथ यत्‍न पूर्वक जुटाया है। दिनांक-01-09-2021 सम्‍पादक रामगोपाल भावुक पृथ्‍वी पृथ्‍वी गुण वरणन करूं, ईश्‍वर लीला मद्ध। सुनिये गुनिये चित्‍त दे, स्‍वयं होय यह सिद्ध।। 47।। अब पृथ्‍वी वरणन सुन लीजै, वैज्ञानिक कहं तहां चित दीजै। नव ग्रह मध