उसका अपना रहस्य

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तमिल की मूल कहानी की लेखिका वासंती अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा | बहुत दूर आदमी लोग नाच रहे थे। गोलाई में खड़े होकर, कमर में बांधे हुए ढोलक को बजाते हुए नाच रहे थे। उनका ताल बिना गलती के वे लोग आगे-पीछे हो रहे थे। लाल रंग के अंग वस्त्र को उठाकर बड़े लावण्यता के साथ नाचते उनकी सुंदरता देख उसे बहुत अच्छा लगा। गहरे रंग में वे जो पसीने से चेहरा चमक रहा था। परंतु उनकी चेहरों पर खुशी नहीं थी। उसने सोचा खुशी के साथ नाचेंगे नहीं क्या? माधव भी वहां होगा। क्या वह हंसेगा? कोई भी चेहरा