बेपनाह - 14

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14 वे अब चुप रही कुछ नहीं बोली ! “सुनो मैं आपसे बहुत छोटी हूँ लेकिन मैं अपने आपको आपसे ज्यादा समझदार समझ रही हूँ अगर मैं आपकी जगह होती तो कभी यूं बेबस नहीं होती ! आप कुछ दिनों के लिए उनको उनके हाल पर छोड़िए फिर देखना सब सही हो जायेगा ! उनको सच समझ आयेगा ! मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि आपके बेपनाह प्यार की वजह से ही वे भटक गए हैं क्योंकि जिसे जो चीज ज्यादा मिलती है वो उसे और भी ज्यादा पाना चाहता है ! देखिये आपको ही सब कुछ सही करना