बेपनाह - 11

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11 नाश्ता करके ऋषभ से बात करनी है जल्दी से यह हलवा और पकौड़ी फिनिश कर दूँ ! उसने देखा नाजमा बड़े मजे में आराम से पैर फैलाये जमीन पर बिछी दरी पर बैठी है और सबके साथ गपियाते हुए खा पी रही है ! शुभी को इसकी यह आदत बिलकुल पसंद नहीं है, पता नहीं क्यों मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता । जी करा कि एक बार इसे टोंक दूँ लेकिन फिर मन को समझाया । जाने दो, क्या करना यह उसकी लाइफ है, जीने दो जैसे उसे अच्छा लगे कोई हमारे हिसाब से वो अपना जीवन थोड़े