अवसान की बेला में - भाग ६

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46. अंतिम दान सेठ रामसजीवन नगर के प्रमुख व्यवसायी थे जो अपने पुत्र एवं पत्नी के साथ सुखी जीवन बिता रहे थे। एक दिन अचानक उन्हें खून की उल्टी हुयी और चिकित्सकों ने जाँच के उपरांत पाया कि वे कैंसर जैसे घातक रोग की अंतिम अवस्था में हैं एवं उनका जीवन बहुत कम बचा है। यह जानकर उन्होने अपनी सारी संपत्ति अपनी पत्नी एवं बेटे के नाम कर दी। कुछ माह बाद उन्हें महसूस हुआ कि उनके हाथ से बागडोर जाते ही उनकी घर में उपेक्षा आरंभ