विश्वासघात-(सीजन-२)--भाग(१८)

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दूसरे दिन सुबह नाश्ते की टेबल पर शर्मिला बुझी बुझी सी नहीं लग रही थी,उसे रात में करन ने बड़े प्यार से समझाया था,करन का साथ पाकर शर्मिला को जीने की राह मिल गई थी,वो भी उसे चाहने लगी थी,सेठ गिरधारीलाल जी ने भी सोचा था कि जैसे ही विश्वनाथ वाला मामला रफा-दफा होता है तो वे करन और शर्मिला की शादी कर देंगें, यही मर्जी धर्मवीर और अनवर चाचा की भी थी,उन्हें भी शर्मिला,करन के लिए पसंद थी और लाज के लिए उन्हें प्रकाश पसंद था,धर्मवीर चाहते थे कि विश्वनाथ के जेल जाने के बाद वें दोनों बच्चों