बद्री विशाल सबके हैं 3 कहानी स्वतंत्र कुमार सक्सेना तब तक श्रीमती डा.माथुर अंदर आईं वे हाथ में एक डिब्बा लिए थीं वे डिब्बा आगे बढ़ाते बोलीं ईद मुबारक एक एक ले लें अहमद साहब बोले-‘ सब लोग लें ।‘तो मिसेज डा. माथुर ने कहा-‘ अभी नहाया नहीं है, हम सब यहां गर्म पानी के कुंड में नहाने जाएंगे ,फिर मंदिर जाएंगे तभी कुछ खाएंगे जो आप कर रहे वही समस्या मेरे साथ है ससुर साहब हैं फिर पिताजी- माता जी हैं, अभी माता जी साक्षात काली माई बन जाएंगी-‘ डाक्टर बन गईं तो धरम करम