पहले कदम का उजाला - 8

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लम्बी बीमारी… घर आकर एक बार फिर रोली को बहुत तेज बुख़ार आया। पूरी रात उसको सहलाते हुए बीती। अगले तीन दिनों तक मैं एक ही दुआ कर रही थी कि रोली का ये बुख़ार कोई बड़ा रूप नहीं ले ले। सब कुछ ठीक रहे। डॉक्टर देव को जिसका अंदेशा था वही हुआ… टी. बी.! मैं रोली को लेकर सीधी अस्पताल भागी। एक लंबा इलाज मेरे हाथ में था। अभी छः महीने बाद में आगे बढ़ाना है या नहीं ये देखा जाएगा। सरकारी अस्पतालों में टी.बी. का इलाज मुफ़्त में दिया जाता है। बाहर से कुछ नहीं लेना पड़ता है।