प्रिय पाठकों आप लोगों को मेरा यह प्रयास कैसे लगा। कृपया सब्सक्राइब कीजिए। प्रिय पाठकों कृपया अधिकाधिक कमैंट्स भी दीजिए। यदि व्यूज अच्छी आएंगी और आप लोगों का सहयोग रहेगा तो यह पुस्तक में आगे भी लिखूंगा और इसके अन्य भाग भी आएंगे। कृपया अपनी सुझाव भी दीजिए। आपके सुझावों पर अमल करते हुए मैं इस पुस्तक में सुधार भी करूंगा।धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।मामकाः पांडवाश्चैव किमकुर्वत संजय।। राजा धृतराष्ट्र ने कहा, संजय कहो! धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में एकत्र हुये तथा युद्ध की इच्छा रखने वाले कौरवों और पांडवों ने क्या किया?दृष्टा तु पांडवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा। आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत्।। संजय ने कहा,