पवित्र रिश्ता... - अंतिम भाग।

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"मुझे अब जाना होगा ! सुबह होने में बस कुछ ही समय बाकी है और अगर मेरे पहुँचने से पहले अभ्युदय नींद से जाग गए तो बहुत मुश्किल हो जायेगी !", कहती हुई खुशी जैसे ही अपनी जगह से उठने को हुई हिमांशु नें उसे रोक दिया.... एक मिनट , सॉरी लेकिन मुझे ये बिल्कुल भी समझ में नहीं आया कि आप यहाँ मेरे पास .... मतलब कि...हिमांशु को अपनी बात पूरी करने में बहुत संकोच हो रहा था जिसे भाँपने में खुशी को दो पल का समय भी नहीं लगा और वो हिमांशु को बीच में ही टोककर बोल