कोट - ८

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कोट -८" मैं पृथ्वी सा घूमता रहामानो सूरज की परिक्रमा करता रहा,शाम आते-आते अगली सुबह की कल्पना करने लगा।"कोट पहना,संपादित कागज जेब में है या नहीं उसे देखा। वाक्य को दो-तीन बार पढ़ा। एक जादुई अहसास मन को हो रहा था। मेरा आवास जंगल के बीच था, अतः अचानक राजा दुष्यंत का कथानक दुबक कर मेरे मन में आ गया। दुष्यंत और शकुंतला का वर्णन महाभारत के आदि पर्व में है। दुष्यंत जंगल में शिकार करते समय अपने साथियों से बिछुड़ गये थे। और शकुंतला से उनकी भेंट होती है जो प्यार में बदल जाती है। शकुंतला ऋषि विश्वामित्र और