(11) रोबी कुछ क्षण तक उसे घूरती रही, फिर उसने इतनी जोर की टक्कर मारी कि अगर सरला हट न गई होती तो दिन में भी तारे नजर आ गये होते। रेखा के हटने के कारण रोबी अपने ही झोंक में मुंह के बल फर्श पर गिर पड़ी। रेखा बच्चों के समान तालियां बजा कर गिनती गिनने लगी। “तुम दोनों कौन हो?” रोबी ने खड़े होते हुए पूछा। उसके ललाट से रक्त बह रहा था। “लाओ ! मैं खून पोंछ दूं—” रेखा ने कहा। “यह मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं है-” रोबी दहाड़ी। इसके पहले कि रेखा कुछ कहती, कमरे