ये उन दिनों की बात है - 32

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मैं यहाँ उसका इंतज़ार कर रही थी और वो वहां वो मुझसे मिलने आ रहा था | दिव्या, दिव्या, मम्मी ने पुकारा | नीचे आई तो देखा मेरे मामा-मामी आये हुए थे | मामाजी दिल्ली रहते है और खासकर हम दोनों बहनों से ही मिलने आये थे वो | वैसे तो मैं हमेशा उन्हें देखकर खुश हो जाती हूँ पर आज उन्हें देखकर मुझे जरा भी ख़ुशी नहीं हुई | चेहरे पे एक नकली सी मुस्कान लिए मैं नीचे आई क्योंकि मन तो बस सागर के लिए ही तड़प रहा था | मामा-मामी बातें किये जा रहे थे और मैं बस