"मुझे माफ करना मेरा ध्यान कही और था "धीरे अधिराज ने कहा" कहॉं देखकर चल रहे थे मिस्टर सारी दवाई गिरा दी "उस लड़की ने कहा " मैं अभी उठा देता हूँ अपनी बहन को ढुंढने के चक्कर में आपसे टक्करा गया माफ करना ""कोई बात नही "इतना कहकर वो चली जाती हैं तभी शशांक ने अधिराज से कहा "कहां खो गये पक्षीराज रांजीकी को नही ढुंढना ""ह हां।चलो शशांक यही आसपास ही मुझे रांजी के होने का आभास हो रहा है मुझे लगता है मेरी बहन यही आसपास है चलो""हां!चलो जल्दी राजमाता परेशान हो रही होंगी "काफी समय ढुंढने के बाद