चाणक्य की उलटफेर

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ऐतिहासिक कहानी चाणक्य की चतुराई मगध साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र उस दिन दुलहिन की तरह सजाई गई थी। साम्राज्य के नये राजा चन्द्रगुप्त को राजसिंहासन पर बैठाया जा रहा था। पाटलिपुत्र के आसपास के अनेक राज्यों के लोग इस उत्सव को देखने एक रात पहले से आ जमे थे। राजधानी के चारों ओर कड़ी सरक्षा व्यवस्था थी। राज महल के सामने के विशाल मैदान में ऊंचे मंच पर खड़े युवा चन्द्रगुप्त को राजमुकुट पहनाने के बाद चाणक्य ने बहुत ऊंची आवाज में कहा ‘‘ सभी लोग सुनें, आज से मगध साम्राज्य के नये राजा चन्द्रगुप्त मौर्य होंगे। अब मगध में