विश्वासघात(सीजन-२)--भाग(८)

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जूली क्लब के भीतर गई और इधर प्रकाश ने उदास मन से अपनी टैक्सी घर की ओर घुमाई,आज जूली की बेरूखी ने उसका मन खराब कर दिया था,उसने मन में सोचा कि मैं तो इसे एक शरीफ़ लड़की समझता था लेकिन....ये तो...,अब क्या बोलूँ? मुझे खुद समझ नहीं आ रहा,कहीं ऐसा तो नहीं वो एक शरीफ़ लड़की हो और मैं उसे गलत समझ रहा हूँ,इसी सब जद्दोजहद के बीच प्रकाश घर पहुँच गया,खाना खाया और बिस्तर पर सोने के लिए पहुँचा,लेकिन नींद तो आँखों से दूर थी,क्योंकि जूली उसके लिए एक पहेली थी,जिसको वो सुलझा नहीं पा रहा था।।