विश्वासघात(सीजन-२)--भाग(१)

  • 7.7k
  • 2
  • 3.2k

मनोरमा.... मनोरमा! कहां हो भाई! धर्मवीर ने अपनी पत्नी को पुकारते हुए कहा।। अभी आती हूं जी! जरा सी सांस तो ले लिया करो,बस पुकारते ही जा रहे हो और तुम ऐसे बेवक्त़ कैसे आ धमके,मनोरमा बोली।। सांसें तो हमारी आपको देखकर बंद हो जातीं हैं,श्रीमती जी! धर्मवीर बोला।। देखो जी ! मैं मज़ाक के मूड में बिल्कुल भी नहीं हूं,अभी बहुत से काम पड़े हैं मुझे ,जो बोलना है जल्दी बोलो, मनोरमा बोली।। मैं तो ये कह रहा था कि आज बहुत बड़ा कोनट्रैक्ट मिला है,अगर वो सही समय पर पूरा हो गया तो हम लोगों के वारे-न्यारे हो