नादिर चुप - चाप नदी के किनारे घंटो बैठा रहा । तभी उसे अपने दोस्तों की हंसने की आवाज़ आई । नादिर ने उस तरफ देखा , और अपने क्लास मेट्स को देखकर वह उनकी तरफ चला गया । नादिर की इस वक्त जो मानसिकता थी , उसमें वह ये भूल चुका था कि क्या सही और क्या गलत। वो जनता था कि उसके ये दोस्त गलत हैं , लेकिन तब भी वह उनकी तरफ गया । नादिर जब वहां पहुंचा , तब उसके दोस्त ताश खेल रहे थे । साथ में उनके पास तरह - तरह की नशे की