टेढी पगडंडियाँ 8 किरण को तीनकोनी से बसस्टैंड तक अकेले सफर करना पङता । रास्ता बेशक पाँच मिनट का ही था पर किरण की साँस ऊपर ही कहीं अटक जाती । अब तक किरण ने छोटे छोटे बसस्टैंड देखे थे । उसके गाँव वाले बस अड्डे पर तो मुश्किल से आठ दस लोग होते । वो भी वहाँ अड्डे पर बनी दो तीन दुकानों पर अखबार पढने या रेडियो पर खबरें सुनने आये लोग । ये लोग खबरें पढते , फिर आपस में उस पर चर्चा करते । कभी कभी वह चर्चा बहस में बदल जाती । लगता